कला आश्रम आयुर्वेद मेडिकल काॅलेज एण्ड हाॅस्पीटल में 15 दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम का समापन समारोह

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कला आश्रम आयुर्वेद मेडिकल काॅलेज एण्ड हाॅस्पीटल, गोगुन्दा, उदयपुर के बी.ए.एम.एस. प्रथम वर्ष के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए 15 दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम का समापन समारोह दिनांक 11.03.2023 को आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उदयपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के माननीय सांसद महोदय श्री अर्जुनलाल जी मीणा थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कला आश्रम फाउण्डेशन उदयपुर के मुख्य प्रबन्धक न्यासी डाॅ. दिनेश खत्री एवं संरक्षक न्यासी डाॅ. सरोज शर्मा थे। समारोह में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. के.एम. अग्रवाल, प्रो. रामवीर शर्मा, डाॅ. विष्णु कुमार मित्तल, डाॅ. संजय एम. एवं समस्त शिक्षकगण भी उपस्थित थे।
महाविद्यालय के प्रशासनिक भवन में मां सरस्वती की पूजा मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं अतिथि द्वारा की गई। मुख्य अतिथि श्री अर्जुनलाल मीणा, सांसद, उदयपुर का स्वागत डाॅ. दिनेश खत्री द्वारा, विशिष्ट अतिथि डाॅ. दिनेश खत्री का स्वागत महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा एवं अतिथि डाॅ. सरोज शर्मा का स्वागत डाॅ. राजलक्ष्मी द्वारा उपारणा ओढ़ाकर किया गया।
श्री अर्जुनलाल जी मीणा ने कार्यक्रम में आयुर्वेद के प्रति विद्यार्थियों की रूचि के बारे में जाना एवं सांसद महोदय ने विद्यार्थियों को आर्शीवचन प्रदान किया। आयुर्वेद की संभावनाओं एवं वर्तमान समय में इसकी उपयोगिताओं के बारे में चर्चा की गई। कार्यक्रम में डाॅ. दिनेश खत्री ने छात्र-छात्राओं को लग्नता, रूचिता से अध्ययन करने व अध्ययनकाल में अनुशासित रहकर अपने जीवन में श्रेष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक बनने के लिए प्रेरित किया। डाॅ. सरोज शर्मा द्वारा नवीन विद्यार्थियों को 15 दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम में प्राप्त लाभों की जानकारी प्राप्त की। नवीन विद्यार्थियों को आयुर्वेद के बारे में जानने एवं आगामी वर्षों में अध्ययन के तरीकों के बारे में भी चर्चा की गई।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. कमलेश कुमार गुर्जर द्वारा किया गया। नवप्रवेशित विद्यार्थियों द्वारा समापन समारेाह के अवसर पर प्रार्थना स्थल पर प्रार्थना की गई व लाॅग बुक कलेक्शन किया गया। समापन समारोह के अवसर पर नवप्रवेशित विद्यार्थियों को 15 दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम की झलकियां दिखाई गई एवं कार्यक्रम अन्तर्गत प्राप्त अनुभवों को साझा किया गया। कार्यक्रम से विद्यार्थियों में आयुर्वेद के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न हुआ। आज पूरी दुनिया में भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा का इतना बड़ा स्थान हो गया है कि विदेशों से भी विद्यार्थी भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा को प्राप्त करने एवं सीखने आ रहे हैं। कार्यक्रम के अन्त में धन्यपाद ज्ञापन डाॅ. संजय एम. द्वारा प्रदान किया गया।

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