कला आश्रम आयुर्वेद मेडिकल काॅलेज एण्ड हाॅस्पीटल एवं आरोग्य भारती के संयुक्त तत्वावधान में स्वास्थ्य संगोष्ठी पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

posted in: news | 0

कला आश्रम आयुर्वेद मेडिकल काॅलेज एण्ड हाॅस्पीटल एवं आरोग्य भारती के संयुक्त तत्वावधान में स्वास्थ्य संगोष्ठी पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 20 दिसम्बर 2019 को किया गया। जिसका मुख्य विषय आज की बदलती आधुनिक जीवन शैली जनित तनाव एवं प्रबन्धन पर संगोष्ठी रखी गयी।

जिसमें मुख्य अतिथि डाॅ. अशोक वाष्र्णेय, अखिल भारतीय संगठन सचिव, आरोग्य भारती, प्रचारक आरएसएस एवं श्री लक्ष्मण भावसिंहका, आरएसएस प्रचारक, आरोग्य भारती, राजस्थान क्षेत्र संयोजक, केन्द्र कोटा थे एवं विशिष्ट अतिथि डाॅ. सरोज शर्मा, पेट्रोन ट्रस्टी, कला आश्रम फाउण्डेशन, डाॅ. वी.आर. करी, प्राचार्य, कला आश्रम आयुर्वेद मेडिकल काॅलेज, गोगुन्दा थे।

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डाॅ. अशोक वाष्र्णेय ने मुख्य सभागार में उपस्थित आयुर्वेद के छात्र-छात्राओं को आयुर्वेद के मूल सिद्धान्तों का पालन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्राणायाम, ध्यान, पूजा पाठ आदि करना चाहिए जिससे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़े। साथ ही उन्होंने कहा कि चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद पद्धति सबसे पुरानी है, लेकिन लोगों में आयुर्वेद के बारे में जानकारी का अभाव है, जिस कारण लोग आयुर्वेद से दूर होते जा रहे हैं। छात्रों से कहा कि समाज में आयुर्वेद के बारे में लोगों को जागृत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को कोई रोग हो जाता है तो उसका इलाज अन्य चिकित्सा पद्धतियों द्वारा किया जा सकता है। लेकिन किसी व्यक्ति को कोई रोग न हो उसके बारे में सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेद में ही उल्लेखित है। क्योंकि जहां अन्य चिकित्सा पद्धति समाप्त होती वहां से आयुर्वेद की शुरूआत होती है, क्योंकि आयुर्वेद एक प्राकृतिक चिकित्सा है, जिसके द्वारा शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं।

संगोष्ठी में डाॅ. वाष्र्णेय ने कहा कि सोशल मिडिया के ज्यादा प्रयोग से तनाव बढ़ता है तथा दिनचर्या प्रभावित होती है। उसके फलस्वरूप ही व्यक्ति में रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है। अतः व्यक्ति को दिनचर्या का पालन करना, व्यवस्थित रहना, टाईम मैनेजमेन्ट द्वारा अपने कार्य को करना, सही जीवन शैली में आता है, टाईम मैनेजमेन्ट द्वारा तनाव को दूर कर सकते हैं। सही जीवन शैली के अन्तर्गत व्यक्ति अपने दैनिक कार्य स्वयं करें, जिससे व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ेगी तथा व्यक्ति तनाव मुक्त रहेगा। डाॅ. अशोक वाष्र्णेय ने कहा कि स्वस्थ जीवन शैली को अपने जीवन में उतारना चाहिए, जिससे व्यक्ति स्वस्थ व तनावमुक्त रहे।

Comments are closed.